मेरे दिल में तू ही तू है,
दिल की दवा क्या करूँ.
दिल भी तू है, जान भी तू ,तुझपे फिदा क्या करूँ
खुद को खो कर तुझ को पा कर,
क्या-क्या मिला क्या कहूँ
तेरा होकर जीने में क्या आया मज़ा क्या कहूँ
कैसे दिन हैं कैसी रातें,
कैसी फ़िज़ा क्या कहूँ
मेरा होके तूने मुझे क्या-क्या दिया क्या कहूँ
मेरे पहलू में जब तू है
फिर मैं दुआ क्या करूँ
दिल भी तू है, जान भी तू, तुझपे फिदा क्या करूँ
है ये दुनिया दिल की दुनिया,
मिलकर रहेंगे यहाँ
लुटाएँगे हम खुशियाँ हर पल दुख ना सहेंगे यहाँ
ये दुनिया मेरे दिल में बसी है
इसको जुदा क्या करूँ
दिल भी तू है, जान भी तू, तुझपे फिदा क्या करूँ
grt yaar ...its so nice
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